पज़ल ज़िन्दगी Nov 1 Written By Roli S ज़िन्दगी बिलकुल पज़ल की तरह एक एक टुकड़ा जोड़ कर पूरी बनती है और टुकड़े ढूंढने में ज़िन्दगी निकल जाती है अंत में भी कभी अधूरी ही रह जाया करती है ये पज़ल Roli S
पज़ल ज़िन्दगी Nov 1 Written By Roli S ज़िन्दगी बिलकुल पज़ल की तरह एक एक टुकड़ा जोड़ कर पूरी बनती है और टुकड़े ढूंढने में ज़िन्दगी निकल जाती है अंत में भी कभी अधूरी ही रह जाया करती है ये पज़ल Roli S