ऐसी बारिश चाहिए।
मुझे ऐसी बारिश चाहिए।
जैसी गिरती है धरती पर फुहार सी
जगाती है हर मन में प्यार सी
फैला जाती है हवाओं में सौंधापन
जैसे गेंदा के फूलों के हार सी
मुझे ऐसी बारिश चाहिए।
जैसी गिरती है पत्तों पे मोती सी
मेरे प्यासे से आँगन को धोती सी
फूलों की क्यारियों में भर जाती रंग
बादलों से आंखमिचोली होती सी
मुझे ऐसी बारिश चाहिए।
जैसे खेतों में खिलखिलाती दिखती सी
जैसे नदियों से इठलाती मिलती सी
मेरी छत पे , मेरी खिड़की पे करती नाच
मेरी छतरी पे रूकती फिसलती सी
मुझे ऐसी बारिश चाहिए।
वो जो आये तो दिल मेरा उठे झूम
मन कहे चलो बाहर कहीं आएं घूम
चाय के प्याले में दिखे सारी कायनात
रंगबिरंगी सी यादों को मैं उठूँ चूम
मुझे ऐसी बारिश चाहिए।